
🔴 सहारनपुर में GIS सर्वे के खिलाफ उबाल | सर्वदलीय संघर्ष समिति ने की महापंचायत की घोषणा, भाजपा में अंदरूनी हलचल तेज
सहारनपुर।
नगर निगम द्वारा किए जा रहे GIS सर्वे और गृहकर, जलकर में बेतहाशा वृद्धि के विरोध में सहारनपुर की सियासत गरमा गई है। सर्वदलीय संघर्ष समिति ने 6 जुलाई को बड़ी महापंचायत आयोजित करने का ऐलान किया है, जिसमें न सिर्फ विपक्षी दल, बल्कि भाजपा के असंतुष्ट नेता और पूर्व पार्षद भी शामिल होंगे। यह मामला अब सिर्फ टैक्स विरोध तक सीमित नहीं रह गया, बल्कि सियासी विस्फोट का रूप लेने लगा है।
📍 बैठक की प्रमुख बातें:
गुरुवार को स्थानीय कार्यालय में हुई बैठक की अध्यक्षता समिति के संयोजक और पूर्व विधायक ठाकुर वीरेंद्र सिंह ने की। उन्होंने कहा –
“GIS सर्वे के नाम पर नगर निगम ने आमजन और व्यापारियों पर टैक्स का अत्याचार शुरू कर दिया है। यह जनता के खिलाफ आर्थिक आतंक है। अगर सर्वे नहीं रोका गया तो यह आंदोलन और उग्र होगा।”
🔹 बैठक में कांग्रेस, सपा, बसपा, आम आदमी पार्टी और अन्य क्षेत्रीय दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
🔹 खास बात यह रही कि भाजपा के पूर्व पार्षद राजीव वर्मा, जिन्होंने हाल ही में टैक्स विरोध के चलते पार्टी छोड़ी, वे भी बैठक में खुलकर बोले –
“भाजपा सरकार ने जनता की तकलीफें सुनना बंद कर दिया है। पार्टी में भी रोष है, लेकिन कोई बोल नहीं रहा।”
📢 6 जुलाई की महापंचायत:
महापंचायत में व्यापारी संगठनों, सामाजिक संस्थाओं, अधिवक्ताओं और आम नागरिकों के जुड़ने की तैयारी चल रही है। समिति का दावा है कि यह सभा सहारनपुर में अब तक की सबसे बड़ी जनएकजुटता का प्रतीक बनेगी।
⚠️ समिति की चेतावनी:
– यदि GIS सर्वे और टैक्स बढ़ोतरी वापस नहीं ली गई,
– यदि व्यापारियों के साथ हुई अभद्रता और मारपीट पर कोई कार्रवाई नहीं की गई,
तो धरना, प्रदर्शन, बाजार बंद और व्यापक आंदोलन छेड़ा जाएगा।
🧭 राजनीतिक विश्लेषण:
GIS सर्वे के मुद्दे पर भाजपा दोतरफा दबाव में है –
एक ओर जनता में आक्रोश बढ़ रहा है,
दूसरी ओर पार्टी के भीतर टूट और असंतोष पनप रहा है।
विशेषज्ञों के मुताबिक अगर महापंचायत सफल रही, तो यह आगामी निकाय और विधानसभा चुनावों में भाजपा के लिए सियासी घाटे का कारण बन सकती है।
✍️ रिपोर्ट: एलिक सिंह
संपादक – वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
उत्तर प्रदेश महामंत्री – भारतीय पत्रकार अधिकार परिषद
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